
HEMU
जिस्म मिट जाने से कब हस्तियां मिटा करती है।
Saturday, March 9, 2013



Thursday, February 2, 2012

अन्याय वनाम अन्य आय
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पटवारी ने बड़े ही प्रेम से
भजने को समझाते हुए कहा
रिश्वत अन्याय नहीं
अन्य आय है
जैसे तुम दूध में पानी
दाल में कंकड़,चाय पत्ती में चमड़ा
सड़क के तारकोल में काली राख
हल्दी में पीली मिटटी डाल कर करते हो
अन्याय तो वो होता है
जब एक पटवारी
अन्य आय लेकर भी
पानी की वारी काट दे
अध्यापक ट्यूशन पढ़ा कर
बच्चो को इम्तिहान में
गलत सवालों के
अच्छे नंबर ना दे
और
सिपाही सौ का नोट लेकर भी
वाहन का चालान भर दे
बाल विकास अधिकारी
पैसा लेकर भी
मिड डे मील की खिचड़ी में से
कंकड़,कीड़ा निकाल दे
नगरपिता थ्रीडी टी वी लेकर भी
ठेकेदार को टेंडर का बिल पास ना करे
हेमू सिंह
श्रीगंगानगर राजस्थान

कुत्ता और आदर्शवाद
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अगर खाली पेट
आदर्शवाद से भर जाता तो
भूखी सडांध मारती गलियों में
दंगे नहीं होते
आदर्शवाद से सिर्फ पेट भरता है
हमारे खाए पीये अघाए
नेताओं का
जो वक़्त पड़ने पर किसी गरीब की
चिता की आग में भी
आदर्शवाद की खिचड़ी
पका सकते है
आदर्शवाद कुछ नहीं होता
होती है सिर्फ भूख
दो कुत्तो को या भूखो को
रोटी के लिए लड़ते देख
आदर्शवाद की बात सोचना
महापाप है
उनके लिए तो सिर्फ एक ही
आदर्श है कि
कैसे
बीच में पड़ा रोटी का वो
टुकड़ा
हाथ में आये
हेमू सिंह
श्री गंगानगर राजस्थान
Sunday, November 6, 2011
अंधेर नगरी चौपट राजा

अंधेर नगरी चौपट राजा
हेमेन्द्र सिंह हेमू
"ये कैसी फिजा मेरे शहर की हो रही है
अपना साया भी अब खौफजदा करता है"
श्री गंगानगर शहर में जिस तरह नशेबाज़ी,सट्टेबाजी,अपराध बढ़ रहे है उन्हें देखते हुए कहना यही पड़ेगा की यह अंधेर नगरी है और इसका राजा चौपट है! आये दिन कोई ना कोई अपराधों से जुडी खबर अखबारों में आती रहती है! और दुख की बात यह भी है की अब ये खबरे ना हमे सहमाती है और ना ही हम पढ़ कर चौकते है? आखिर क्यों हमने लाचारी,बेबसी के साथ जीने का समझौता कर लिया है? या यूं कहे की हमने इसके साथ जीना सीख लिया है! आखिर क्यों हमने हथियार डाल दिए है,क्यों सवाल नहीं करते,क्यों हमारे मन में किसी त्रासद घटना को सुन कर संवेदना नहीं उपजती? अगर हमारे शहर की आबादी की बात करे तो अधिकतर आबादी युवा है जिनमे से अधिकाशतः किसी ना किसी रूप में किसी न किसी तरह के नशे की गिरफ्त में है! जिले की भौगोलिक स्थितियों की बात करे तो यहाँ अफीम की खेती नहीं हो सकती! ऐसे सूरते हाल में नशा आता कहा से है ये! यह कहने की जरुरत नहीं है की नशा कहा से,कैसे कैसे और किसकी देखरेख में शहर में आता है! फिर भी बात अगर चल ही पड़ी है तो ये जान लीजिए की किसी भी तरह के संदिग्ध सामान से लदा ट्रक शहर में किसी भी नाके से सौ,पचास का सुविधा शुल्क देकर शहर में बेरोकटोक आ सकता है,चाहे उसमे रासायनिक हथियार ही क्यों ना लदे हो!
पाठकों से निवेदन है की वह अपनी जान की कीमत शहर की आबादी को सौ रुपये से गुणा भाग देकर निकाल ले,और जो कीमत इस गणित में निकले वही असली कीमत है हमारे लोकतंत्र की व हमारी जान की! लोकतंत्र का खोखलापन पिछले कुछ दशको में उभर कर बड़ी ही तेज़ी से सामने आया है! और दुखद बात ये भी है की जिन लोगो के कंधो पर इसे बचने की जिम्मेदारी थी उन्होंने भी इसे भंवरी देवी बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोडी,ना जाने इसे ले जाकर किस भट्टी में जला आये नदी नाले में डूवो आये!
बात चली थी अंधेर नगरी चौपट राजा से तो हम अब इस पर आते है! आप भो सोच रहे होंगे की चौपट राजा तो समझ में आता है लेकिन ये अंधेर नगरी क्या है? तो जनाब आप ही सोचिये जिस शहर की अधिकाशतः आबादी युवा हो,जिस शहर में देश के अन्य शहरो के मुकाबिल सबसे ज्यादा समाज सुधारक,नेता बसते हो और वो शहर अन्याय के आगे गूंगा बना रहे तो और क्या कहे?
हमारे अडोस पड़ोस में हमारे घर पर अपराधी किराये पर कमरा लेकर बेखौफ शहर में अपराध करके चले जाते है लेकिन हम इतनी भी जहमत नहीं उठाते की पुलिस वेरिफिकेशन करवा ले? बाद में सांप निकल जाने पर लकीर पीटने से होता भी क्या है! और इन घटनाओ के बाद हमारे मूढमती नेता हल्ला करते है कही न कही वो सिर्फ माहौल ही खराब करते है या यूं कहे की उनका तो काम ही है पुलिस के गले में मरा हुआ सांप डालना है!
कुछ फ़र्ज़ हमारे भी बनते है देश के प्रति जिन्हें हालातों को देखते हुए लगता है की हम उनका कही विसर्जन कर आये है या फिर इस ईन्तजार में है कि कब ये बचा खुचा रास्ट्रवाद दम तोड़े तो हम भी कप्तान साहेब की तरह इसे श्रधांजलि दे(क्रमश)
जय हिंद
Saturday, July 2, 2011

साथियों
परमाणु बम बना कर हमने हमारी सरहदों को तो बाहरी दुश्मनों से महफूज कर लिया है.लेकिन जो देशद्रोही हमारी व्यवस्था में सरकारी पट्टा पहने छुपे बैठे है उनका क्या करे?
जिस मुल्क के हुक्मरान आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हो,जिस मुल्क में जन्म प्रमाण पत्र से भ्रष्टाचार शुरू होकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक अनवरत बेरोकटोक चलता हो...
जिस मुल्क में दूध के कीमत गरीब की लाज से ज्यादा हो,जिस मुल्क में भूख अपनी अस्मत का सौदा मुट्ठी भर धान में कर लेती हो,जिस मुल्क में करोडो भूखे लोगो के खाया जा सकने वाला गेहू गोदाम में लापरवाही से सड जाता हो,जिस मुल्क में लोगो की जान उसके रखवाले पुलिस वाले नाको पर पचास पचास रुपये में नीलाम कर देते हो,जिस मुल्क में सियासत रास्ट्रीयहितो पर भारी पड़ती हो, जिस मुल्क के नौजवानों का खून बर्फ से भी ठंडा पड़ गया हो,जिस मुल्क में लोकतंत्र की कीमत चुनावो में दारू की एक बोतल लगायी जाती हो,जिस मुल्क में टीवी सीरियल रिश्तो पर भारी पड़ते हो,जिस मुल्क में शहीदों के ताबूत बेच खा लिए जाते हो,जिस मुल्क की राजधानी में हर दस मिनट में एक महिला के साथ बलात्कार होता हो,जिस मुल्क में सियासी दाव पेच रास्ट्रवादियों पर भारी पड़ते हो,जिस मुल्क में किसी व्यक्ति के तीन सो टुकड़े करने के बाद भी अभियुक्त लचर न्याय व्यवस्था के कारण इरादतन हत्या के दोष से बच जाते हो
जिस मुल्क की जेलों में आतंकवादियों की जमाई की तरह सेवा की जाती हो,जिस मुल्क की सडको के किनारे फुटपाथ,खम्बो पर देवी देवता,अल्लाह,पीर,पैगम्बर रातो रात अवतार ले लेते हो,जिस मुल्क में मंदिर मस्जिद इंसानियत पर भारी पड़ती हो,जिस मुल्क में जनहित के लिए अदालतों को विधायिका के श्चेत्र में दखल देना पड़ता हो,जिस मुल्क में जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के मंत्री अमेरिका तय करता हो,जिस मुल्क के रक्षा मंत्री को विदेशो में अपराधियों की तरह तलाशी देनी पड़ती हो,जिस मुल्क में जांच आयोग की जांच के लिए भी आयोग पर आयोग बैठाने पड़ते हो,फिर भी जांच अधूरी रह जाती हो,जिस मुल्क में लाखो रुपये के घोटाले को अदालत में सिद्ध करने के लिए करोडो रुपये खर्च करने पड़ते हो,फिर भी दोष सिद्ध ना हो पाता हो,जिस मुल्क में प्रति व्यक्ति प्रति दिन २० रुपये आय का सर्वे करने के लिए अफसरों को हजारो रुपये प्रति दिन दे दिए जाते हो,
जिस मुल्क में कूड़ेदान से खाना उठा कर कुत्ते और आदमी एक साथ बैठ कर खाते हो,जिस मुल्क के सरकारी गोदाम लाखो टन अनाज से भरे हो और गरीब किसान भूख से मर जाते हो,जिस मुल्क में मारुती कार की कीमत रेल दुर्घटनाओ में मरने वालो के मुआवजे से ज्यादा हो,जिस मुल्क की ऐतिहासिक धरोहरे पीकदान मूत्रालय शोचालय में तब्दील हो गयी हो,जिस मुल्क में बस्ते का वजन बच्चे के कुल वजन से ज्यादा हो............
उस मुल्क की हिफाजत कोई सैनिक तो क्या खुदा भी फानूस बन कर नहीं कर सकता!
आखिर कब तक हम ये अन्याय चुप चाप सहते रहेंगे...................................
जय क्रांति जय हिंद
हेमू सिंह
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