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Thursday, February 2, 2012


अन्याय वनाम अन्य आय
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पटवारी ने बड़े ही प्रेम से
भजने को समझाते हुए कहा
रिश्वत अन्याय नहीं
अन्य आय है
जैसे तुम दूध में पानी
दाल में कंकड़,चाय पत्ती में चमड़ा
सड़क के तारकोल में काली राख
हल्दी में पीली मिटटी डाल कर करते हो
अन्याय तो वो होता है
जब एक पटवारी
अन्य आय लेकर भी
पानी की वारी काट दे
अध्यापक ट्यूशन पढ़ा कर
बच्चो को इम्तिहान में
गलत सवालों के
अच्छे नंबर ना दे
और
सिपाही सौ का नोट लेकर भी
वाहन का चालान भर दे
बाल विकास अधिकारी
पैसा लेकर भी
मिड डे मील की खिचड़ी में से
कंकड़,कीड़ा निकाल दे
नगरपिता थ्रीडी टी वी लेकर भी
ठेकेदार को टेंडर का बिल पास ना करे
हेमू सिंह
श्रीगंगानगर राजस्थान

कुत्ता और आदर्शवाद
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अगर खाली पेट
आदर्शवाद से भर जाता तो
भूखी सडांध मारती गलियों में
दंगे नहीं होते
आदर्शवाद से सिर्फ पेट भरता है
हमारे खाए पीये अघाए
नेताओं का
जो वक़्त पड़ने पर किसी गरीब की
चिता की आग में भी
आदर्शवाद की खिचड़ी
पका सकते है
आदर्शवाद कुछ नहीं होता
होती है सिर्फ भूख
दो कुत्तो को या भूखो को
रोटी के लिए लड़ते देख
आदर्शवाद की बात सोचना
महापाप है
उनके लिए तो सिर्फ एक ही
आदर्श है कि
कैसे
बीच में पड़ा रोटी का वो
टुकड़ा
हाथ में आये

हेमू सिंह
श्री गंगानगर राजस्थान