Thursday, February 17, 2011
दो व्यक्तियों का नजरिया
नजरिया किसी का किसी भी मामले में एक हो यह जरुरी नहीं,प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने नजरिये से सोचता है!सिक्के को बीच में रख कर देख रहे दो व्यक्तियों का नजरिया हमेशा एक दुसरे के उल्ट होता है,क्योकि एक व्यक्ति उसमे हेड देख रहा होता है दूसरा व्यक्ति उसमे टेल,दोनों ही अपनी अपनी जगह सही होते है क्योकि वो जो देख रहे होते है,वो उनकी नज़र में सही होता है !
जरुरत तो ये है की वो अपनी पोज़िसन बदल कर देखे तो ये बात साफ़ हो जाएगी की जो वो देख रहे थे उसके विपरीत वो चीज थी जो वो नहीं देख पा रहे थे,जिसके पीछे अनुचित वहस कर रहे थे!
लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है की दोनों अपनी पोज़िसन बदलने को तैयार रजामंद हो जाये,इसका कारण अहम् है जो व्यक्ति को आत्मअभिमानी बना देता है जो की सवस्थ वहस का दुश्मन है!
अक्सर जब वहस शुरू होती है तो वह थोड़ी देर में मूल मुद्दों से भटक जाती है और वहा आकर खड़ी हो जाती है जो गैरजरुरी मुद्दे होते है!
अब्बल तो हमारे मुल्क में अवाम बहस चाहता नहीं है,अगर फिर भी अगर किसी वैचारिक मंच पर किसी मामलात पर वहस शुरू होती है तो कुछ गैरजरूरी लोग उसमे जाति, वंश, प्रान्त, सभ्यता, संस्कृति,धर्म घुसेड देते है और और मंच को राजनेतिक अखाडा बना देते है,और इसी दरमयां मूल मुद्दा किसी कोने में पड़ा दम तोड़ देता है,और तो और उन्हें ये भी लगता है फेसबुक, ऑरकुट किसी क्रांति को लाने में सहायक नहीं है, आज का युवा इन लोगो से सवाल पूछता है अगर ये सही है तो आप यहाँ क्या कर रहे हो जब आपको इन बातो से कोई सारोकार नहीं है!बात अगर महापुरुषों की आती है तो हम स्वतन्त्र है,की हम किसको चुने,और ये जरुरी भी नहीं वो चुनाव गाँधी का हो.....
जय क्रांति,जय हिंद
हेमू ९०२४१११९६६
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उत्तम प्रस्तुति...
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
http://najariya.blogspot.com/2011/02/blog-post_18.html
bahut uchit baate hai ,sundar blog .hamari soch hamare mahaul ke hisab se rahti hai .
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