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Tuesday, February 15, 2011


तेरे खंडे ने जिना दे मुह मोड़े
आज फिर ओ सानु आज ललकारदेने
बाजा वालिया बाजा नु भेज मुडके
तितर फिर उडारिया मारदेने

5 comments:

  1. स्वागत है आपका
    आइये हिन्दी
    एवं हिन्दी ब्लॉग जगत् को सुशोभित कीजिये
    इसे समृद्ध बनाइये

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  2. चलिए थोड़ी बहुत तो समझ आती है...
    बाकी हिंदी ब्लॉग में स्वागत है..

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  3. "जिस्म मिट जाने से कब हस्तियां मिटा करती है"
    चराचर सत्य

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  4. जिस्म मिट जाने से कब हस्तियां मिटा करती
    bahut sahi

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